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पीड़ित का काम मै अपने स्तर में सौ प्रतिशत करने का प्रयास करती हूं : योगिता देवांगन

 

दुर्ग (सारनाथ एक्सप्रेस)। मेरे पिता शासकीय स्कूल में टीचर थे, जो अब रिटायर्ड हो चुके है, मेरे परिवार में मेरा भाई और मेरी बहन भी टीचर है। मेरा भी चयन शिक्षाकर्मी वर्ग- 2 में हुआ था पर मैंने वह जॉब नही की क्योंकि मैं प्रशासनिक क्षेत्र में जाना चाहती थी इसके लिए मैंने अपने परिवार को कानवेंस किया तब मुझे प्रशासनिक क्षेत्र में जाने के लिए अनुमति मिला। यह सब बाते दुर्ग जिला में पदस्थ संयुक्त कलेक्टर (निर्वाचन) योगिता देवांगन ने सारनाथ एक्सप्रेस से विशेष बातचीत में कही। इन्होंने अपने अब तक के सफर के सफर को हमसे साझा किया।

संयुक्त कलेक्टर योगिता देवांगन की प्रारंभिक और हायर सेकेंडरी तक की शिक्षा नारायणपुर के शासकीय विद्यालय में हुई। स्नातक (बीएससी) की शिक्षा इन्होंने कोंडागांव शासकीय महाविद्यालय से पूरी की। सीजी पीएससी की तैयारी के लिए इन्होंने बिलासपुर में कोचिंग शुरू की। वर्ष 2008 में व्यापम द्वारा आयोजित परीक्षा में इनका चयन फूड इंस्पेक्टर के पद पर हुआ। इनकी पोस्टिंग रायगढ़ में हुई, जहां इन्होंने दो वर्ष तक अपनी सेवाएं दी। इसके बाद इनका तबादला कोंडागांव में हुआ जहां इन्होंने तीन वर्ष तक अपनी सेवाएं दी। नौकरी के साथ साथ इन्होंने सीजी पीएससी की तैयारी जारी रखी और 2008 के पीएससी में इनका चयन नायब तहसीलदार के पद पर हुआ। इन्हे भानुप्रतापपुर में पोस्टिंग मिला और इन्होंने वहा छः माह तक अपनी सेवाएं दी। इन्होंने अपने तीसरे प्रयास में वर्ष 2011 में सीजी पीएससी की परीक्षा में सफल हुई और डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुई।

इनकी पहली पोस्टिंग बस्तर में हुई, जहा इन्होंने वर्ष 2014 से 2015 तक अपनी सेवाएं दी। उसके बाद इनका तबादला प्रतिनियुक्ति पर जनपद पंचायत कोंडागांव, सीईओ के पद पर हुआ, जहा इन्होंने वर्ष 2015 से 2017 तक अपनी सेवाएं दी। वर्ष 2017 में इनका तबादला धमतरी में हुआ, जहा इन्होंने जिला मुख्यालय, कुरूद एसडीएम और धमतरी एसडीएम के पद पर वर्ष 2021 कार्यरत रही। फरवरी 2020 में इनका प्रमोशन हुआ और ये डिप्टी कलेक्टर से ज्वाइंट कलेक्टर बनी। वर्ष 2021 में इन्हे नगर पालिक निगम, चिरमिरी के आयुक्त पद की जिम्मेदारी दी गई, जहा इन्होंने पांच माह तक अपनी सेवाएं दी। इसके बाद इन्हे संयुक्त कलेक्टर बलौदा बाजार की जिम्मेदारी दी गई, जहा इन्होंने जून 2022 तक अपनी सेवाएं दी। इसके उपरांत इन्हे वीवीआईपी जिला दुर्ग में बतौर सयुक्त कलेक्टर की जिम्मेदारी दी गई है, जहा ये निर्वाचन अधिकारी के पद पर पदस्थ है।

ये पढ़ाई लिखाई में शुरू से ही तेज रही। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में इन्होंने चौथा रैंक हासिल किया था। इनके कार्यकाल के दौरान जनपद पंचायत कोंडागांव को भारत सरकार ने जनपद सशक्तिकरण के लिए पुरस्कृत किया था। इनके कार्यकाल के दौरान नगर पालिक निगम चिरमिरी को स्वच्छता के लिए पुरस्कृत किया गया।

मुंशी प्रेमचंद की उपन्यास पढ़ने और घूमने फिरने में विशेष रुचि रखने वाली संयुक्त कलेक्टर योगिता देवांगन जिससे भी कुछ अच्छा सीखने को मिलता है उसे अपना आदर्श मानती है। इनके पति भी राज्य प्रशासनिक सेवा में आफिसर है।

संयुक्त कलेक्टर योगिता देवांगन ने अपने कार्य करने के उद्देश्य को लेकर बताया कि कोई भी पीड़ित मुझसे अपनी समस्या बताता है तो मैं उसको पूरा करने का प्रयास करती हूं, उसका काम पूरा करना ही मेरा लक्ष्य रहता है। उस पीड़ित का काम मै अपने स्तर में सौ प्रतिशत करने का प्रयास करती हूं और फोलोअप करके उसकी पूरी जानकारी लेते रहती हूं।

पीएससी की तैयारी कर रहे प्रतिभागियों को मैं यही सलाह दूंगी की पीएससी की तैयारी पर बहुत कौनशंट्रेट करना पड़ता है, जो आज कल के लिए सबसे कठिन काम है। अगर आप वास्तव में इस क्षेत्र में जाना चाहते है तो दृढ़निश्चय कर ले की जाना ही है, शौखिया तौर पर तैयारी ना करे। जब तक चयन ना हो, हार ना माने। निरंतर प्रयास करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी।

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