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यूपीएससी रिजल्स 2022: एक ही नाम और रोल नंबर की दो लड़कियां…दोनों 184वीं रैंक का कर रही दावा, जानिए क्या है पूरा माजरा?

23 मई को यूपीएससी ने सिविल सेवा 2022 के नतीजे जारी किए थे. अब एक ही नाम की दो लड़कियां दावा कर रही हैं कि उनके 184वीं रैंक आई है…

नईदिल्ली (ए)। यूपीएससी परीक्षाओं के नतीजे जारी होने के एक बेहद हैरान करने वाली घटना सामने आई. जिसमें एक जैसे नाम वाली दो लड़कियों ने 184वीं रैंक हासिल करने का दावा किया है. दोनों लड़कियां का रोल नंबर भी एक ही है. यूपीएससी परीक्षा के नतीजे मंगलवार 23 मई को घोषित किए गए थे. ये दोनों लड़कियां मध्य प्रदेश की रहने वाली हैं और दोनों का नाम आयशा है. इस घटना का खुलासा बुधवार 24 मई को हुआ है।

दरअसल, रिजल्ट घोषित होने के बाद आयशा नाम की लड़की को 184वीं रैंक मिली. इसके बाद मध्य प्रदेश के दो परिवारों में जश्न शुरू हो गया, एक देवास जिले में और दूसरा अलीराजपुर जिले में. देवास जिले की 23 वर्षीय आयशा फातिमा और अलीराजपुर जिले की 26 वर्षीय आयशा मकरानी दोनों का कहना है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में 184वीं रैंक हासिल की है।

दोनों का मेरिट में जगह बनाने का दावा नजीरुद्दीन की बेटी आयशा फातिमा दावा कर रही हैं कि उन्होंने मेरिट में जगह बनाई है, जबकि सलीमुद्दीन की बेटी आयशा मकरानी भी यही दावा कर रही हैं. एक दूसरे से लगभग 200 किलोमीटर दूर रहने वाली इन लड़कियों ने अपने दावों के समर्थन में एक ही रोल नंबर वाले एडमिट कार्ड भी दिखाए हैं।

एडमिट कार्ड में एक ही रोल नंबर दोनों लड़कियों के एडमिट कार्ड में रोल नंबर 7811744 लिखा हुआ है. उन्होंने धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए और स्पष्टीकरण मांगते हुए स्थानीय पुलिस और यूपीएससी के पास भी शिकायत दर्ज की है. दोनों लड़कियों का दावा है कि उन्होंने परीक्षा दी है और इंटरव्यू भी दिया था।

दोनों के एडमिट कार्ड में क्या कुछ अलग आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड में पर्सनैलिटी टेस्ट की तारीख 25 अप्रैल और दिन गुरुवार लिखा था. जबकि आयशा फातिमा के कार्ड में पर्सनैलिटी टेस्ट की तारीख 25 अप्रैल थी, लेकिन दिन मंगलवार था. कैलेंडर के अनुसार 25 अप्रैल को मंगलवार था. इसके अलावा फातिमा के कार्ड में क्यूआर कोड के साथ यूपीएससी का वॉटरमार्क है, जबकि मकरानी का कार्ड बिना किसी क्यूआर कोड के सादे कागज पर प्रिंटआउट जैसा दिखता है।

मामले की जांच जारी ये मामला अभी सुलझा नहीं है. जानकारों का दावा है कि ये संभव नहीं है कि यूपीएससी दो उम्मीदवारों को एक ही रोल नंबर जारी करे. इनमें से एक फेक है. इस बीच एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूपीएससी के सूत्रों ने बताया है कि उन्होंने जरूरी सुधार किए हैं और आयशा फातिमा सही उम्मीदवार थीं. उन्होंने ये भी कहा कि वे इस बात की जांच करेंगे कि ऐसी गलती कैसे हुई।

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