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भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य महाप्रबंधक कार्यालयों में 15 इलेक्ट्रिक वाहनों का हुआ वितरण

भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने वर्तमान में मुख्य महाप्रबंधकों के कार्यालयों द्वारा उपयोग किए जा रहे पेट्रोल/डीजल चलित वाहनों की जगह, सभी मुख्य महाप्रबंधकों को उनके कार्यालयों में कुल 42 इलेक्ट्रिक वाहनों को वितरित करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के तहत संयंत्र ने टाटा मोटर्स से 42 नये इलेक्ट्रिक वाहन ‘टिगोर‘ प्राप्त करते हुए पर्यावरण के प्रति अपनी सजगता को प्रदर्शित किया है। इसी कड़ी में बुधवार दिनांक 24 मई 2023 को टाटा मोटर्स ने सेल भिलाई इस्पात संयंत्र को द्वितीय चरण में 15 नई टिगोर ईवी वाहन प्रदान किये गए। ज्ञात हो कि 12 मई, 2023 को पहले चरण में 22 नई टिगोर ईवी वाहन प्रदान किये जा चुके हैं। इन वाहनों की पहली और दूसरी दोनों खेप सेक्टर-7 स्थित टाउनशिप गैरेज में आयोजित एक समारोह में प्राप्त की।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कार्यकारी मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (एम एंड यू) एस के गजभिये ने टाटा मोटर्स को विशेष धन्यवाद दिया। इसके अलावा कार्यक्रम में मुख्य महाप्रबंधक (ओएचपी) एचके पाठक, मुख्य महाप्रबंधक (कोंटरेक्ट-सेल) के सी मिश्रा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजीव पॉल, प्रभारी महाप्रबंधक (टी एंड डी) जी मालिक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ पीके बिनायाके, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ कौशलेन्द्र ठाकुर, मुख्य महाप्रबंधक (प्लेट मिल) आरके बिसरे, मुख्य महाप्रबंधक (पर्यावरण प्रबंधन) डीएल मोइत्रा, महाप्रबंधक (प्लांट गैरेज) संतोष जॉर्ज, महाप्रबंधक (प्लांट गैरेज) बीडी बाबू व वरिष्ठ अधिकारीगण तथा टाटा मोटर्स से श्री तिवारी और उनकी टीम उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन संयंत्र के उप महाप्रबंधक (प्लांट गैरेज) श्री एन के साहू ने किया।

भिलाई इस्पात संयंत्र देश का पहला एकीकृत इस्पात संयंत्र है जिसने पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए हरित प्रौद्योगिकी के लिये इतनी अधिक मात्रा में इंधन चलित वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन से बदलने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। देश में पहली बार एक साथ इतने इलेक्ट्रिक वाहन लेने वाला भिलाई पहला औद्योगिक संस्थान है।

संयंत्र ने पिछले कुछ वर्षों में हरित प्रौद्योगिकी को विकसित करने और सस्टेनेबिलिटी लाने की दिशा में कई उपाय किए हैं। वैश्विक पहल के अनुरूप कार्बन उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए हरित उपायों को अपनाने के लिए, भिलाई इस्पात संयंत्र ने वर्ष 2030 तक 2.58 टन/टीसीएस की वर्तमान उत्सर्जन दर से सीओ₂ उत्सर्जन को 1.98 टन/टीसीएस (प्रति टन क्रूड स्टील का उत्पादन) तक कम करने के लिए एक कार्य योजना तैयार की है। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कई हरित प्रौद्योगिकी प्रकिया में है। यह पहल भी इसी प्रक्रिया का अंग है।

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