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आज के युवाओं में यह गलतफहमी है की मंहगे कोचिंग में पढ़ेंगे तभी जॉब लगेगा : IAS एम.भार्गव

भिलाई (सारनाथ एक्सप्रेस)। यूपीएससी, सीजीपीएससी जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले प्रतिभागियों में एक गलत फैमी है की महंगे कोचिंग करेंगे तभी जॉब लगेगी, अगर कोई सच में तैयारी करना चाहता है तो वह अभी के दौर में घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से पूरी तैयारी कर सकता है। उक्त बातें दुर्ग जिला नवपदस्थ युवा आईएएस सहायक कलेक्टर डॉ. एम.भार्गव ने सारनाथ एक्सप्रेस से विशेष बातचीत में कही। उन्होंने अपने अब तक के सफर को हमसे साझा किया।

युवा आईएएस डॉ. एम.भार्गव मूलतः तेलंगाना राज्य से है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा और हाई स्कूल तक की शिक्षा केंद्रीय विद्यालय, आदिलाबाद में पूरी हुई। हाई स्कूल के बाद इनका परिवार हैदराबाद शिफ्ट हो गया। इस लिए हायर सेकंडरी की शिक्षा उन्होंने हैदराबाद से पूरी की।
वर्ष 2015 में उन्होंने ममता मेडिकल कॉलेज, खम्मम से बीडीएस में डॉक्टर की डिग्री हासिल करने के बाद एक साल तक डॉक्टर का प्रेक्टिस किया।

आईएएस बनने का सपना लिए कोचिंग के लिए दिल्ली चले गए और वहां कोचिंग करने के साथ साथ कोचिंग में गाईडेंस की नौकरी भी की। वर्ष 2016 में नौकरी करते हुए पहली बार यूपीएससी की एग्जाम में हिस्सा लिए और इंटरव्यू तक का सफर तय किया। सलेक्शन नही होने बाद उन्होंने हार नहीं मानी और नौकरी करते हुए तैयारी जारी रखी। वर्ष 2022 के एग्जाम में उन्हें सफलता मिली और 2023 बैच के आईएएस बने।

आईएएस बनने के बाद मसूरी ट्रेनिंग ली और उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर अलॉट हुआ। अप्रैल 2024 में ट्रेनिंग से छत्तीसगढ़ आने के बाद बतौर प्रशिक्षु दुर्ग जिला मिला। एक सप्ताह दुर्ग में ट्रेनिंग के बाद आठ हफ्ते का निमोरा ट्रेनिंग कर छत्तीसगढ़ दर्शन किए।

युवा आईएएस डॉ. एम. भार्गव ने बताया की जब वह डॉक्टर के इंटर्नशिप कैंप के लिए आस पास के गांव में जाते थे, वहां कैंप का निरीक्षण करने आईएएस- आईपीएस अफसर आते थे। उन अधिकारियों के साथ रहना पड़ता था, उनके साथ रहकर उनके काम से बहुत अक्ट्रेक्शन हुआ। मुझे लगा की सेवा तो हम लोग भी कर रहे है, लेकिन पैशन और काम करने का दायरा बड़ा है। उसी समय मैंने निर्णय लिया की मैं यूपीएससी की तैयारी कर इस पोस्ट पर जाऊंगा।

मैंने सोचा की किसी के लिए कुछ बड़ा करना है, किसी के जीवन में बदलाव लाना है, काम करने का दायरा बढ़ाना है तो इस पद पर जाना ही पड़ेगा। उसी दौरान मेरे सीनियर डॉक्टर का चयन आईपीएस के लिए हो गया तो मेरी इसमें रुचि बढ़ गई। मैंने सीनियर से पूरी जानकारी ली और तैयारी की और आज यहां तक पहुंचा हूं।

युवा आईएएस डॉ.एम भार्गव ने कहा कि मैं मिसाइल मैन पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जी से बहुत प्रभावित हूं। वो इतने बड़े पद पर रहते हुए भी इतने सरल और साधारण व्यक्ति की तरह रहते थे वो सबको प्रेरित करता है। उनका मानना था कि सोसायटी में अगर चेंज लाना है तो वो बच्चे ही ला सकते है, बच्चे देश के लिए अच्छा करेंगे इसलिए उन्होंने शिक्षा पर विशेष ध्यान दिए जाने की बात कही। उनकी दो तीन किताब मैने पढ़ी है।

युवा आईएएस एम.भार्गव ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए टिप्स देते हुए कहा की आज के युवाओं में यह गलतफहमी है की मंहगे कोचिंग में पढ़ेंगे तभी जॉब लगेगा जबकि ऐसा नहीं है। डिजिटल इंडिया में इंटरनेट की सुविधा में कोई भी मोबाइल पर ही पूरी जानकारी प्राप्त कर सकता है।

अगर कोई सच में तैयारी करना चाहता है तो वो घर बैठे ही इंटरनेट का उपयोग कर बढ़िया तैयारी कर सकता है।
इन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने दिल्ली या अन्य जगह जाकर तैयारी करने के लिए दो से तीन लाख रुपए तक का खर्च करना पड़ता है जबकि इंटरनेट पर ऑनलाइन वही नोट्स तीस से चालीस हजार रुपए में मिल जाता है।
आपका फोकस स्टेट फॉरवर्ड होना चाहिए अगर इंटरनेट का अच्छा इस्तेमाल किया जाए तो एग्जाम क्लियर किया जा सकता है।

अगर सौ प्रतिशत प्लान बनाकर तैयारी करे तो सफलता जरूर मिलती है। किसी की पहली बार में किसी की दूसरी तो किसी की तीसरी बार में जॉब लगती है। जब आप एग्जाम की तैयारी शुरू करतें है तो आपको पता होना चाहिए की आपको यह जॉब क्यों चाहिए? किसी भी जॉब को बड़ा छोटा नही देखना चाहिए, प्रत्येक जॉब अपने- अपने जगह सही होता है।

यह एग्जाम कठिन होता है इसलिए अगर आप फेल हो रहे है तो निराश ना हो, अपने आप को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करते रहे। आप अगर सक्षम है तभी कोचिंग करे नही तो इंटरनेट के माध्यम से ही तैयारी करें। प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान आप जितना जानकारी प्राप्त करेंगे वो निश्चित ही आपकी देश का एक अच्छा नागरिक बना सकता है।

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