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एनडीए की सुनामी में धराशायी हुई कांग्रेस गठबंधन, महाराष्ट्र में मिली अब तक की सबसे बड़ी हार, झारखंड की जनता ने हेमंत सोरेन पर जताया दुबारा भरोसा, उप चुनाव में भी भाजपा की बल्ले बल्ले

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी (एवीए) के घटक के रूप में कांग्रेस ने 101 सीटों पर चुनाव लड़ा। लेकिन 16 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी। एमवीए के खराब प्रदर्शन ने भविष्य में राज्य से राज्यसभा सीटें मिलने की उम्मीदें भी खत्म कर दीं हैं…

 

नईदिल्ली (ए)। कांग्रेस ने शनिवार को महाराष्ट्र में अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया और झारखंड में सरकार की सहयोगी पार्टी झामुमो के मुकाबले एक दूर की जूनियर सहयोगी बनकर रह गई। इससे विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में कांग्रेस की स्थिति और कमजोर हुई है, जबकि अन्य सहयोगी दल बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। झारखंड में ‘इंडिया’ गठबंधन की जीत ने कांग्रेस को कुछ सांत्वना दी है। लेकिन हरियाणा में हाल के उलटफेर के बाद महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य में हार से कांग्रेस की राजनीतिक ताकत कमजोर हो सकती है। नांदेड़ लोकसभा सीट पर उप चुनाव में हार के बाद कांग्रेस की लोकसभा में सदस्यों की संख्या घटकर अब 98 रह गई है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी (एवीए) के घटक के रूप में कांग्रेस ने 101 सीटों पर चुनाव लड़ा। लेकिन 16 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी। एमवीए के खराब प्रदर्शन ने भविष्य में राज्य से राज्यसभा सीटें मिलने की उम्मीदें भी खत्म कर दीं हैं। दूसरी ओर, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) शानदार जीत हासिल करते हुए संसद के उच्च सदन के लिए आगामी द्विवार्षिक चुनावों में बहुमत हासिल करने के लिए तैयार है। एमवीए की एक प्रमुख पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस विपक्षी गुट का ज्यादा वजन अपनी ओर खींचने में विफल रही और एनडीए की सुनामी के सामने धराशायी हो गई।
एमवीए के सहयोगियों के बीच कांग्रेस ने सबसे अधिक विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा। उसने 288 में से 101 सीटों पर चुनाव लड़ा। लेकिन 16 फीसदी के स्ट्राइक रेट के साथ केवल 16 सीटों पर जीत रही है या आगे चल रही है। वहीं, शरद पवार की राकांपा (एसपी) का सबसे खराब स्ट्राइक रेट (11.6 फीसदी) रहा। पार्टी 86 सीटों पर चुनाव लड़ी, जिनमें से दस सीटों पर ही बढ़त बनाए हुए या जीत गई है। वहीं, शिवसेना (यूबीटी) का स्ट्राइक रेट 22 फीसदी रहा। इसने 95 सीटों पर चुनाव लड़ा। अभी 21 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है या जीत गई है।
दूसरी ओर भाजपा का स्ट्राइक रेट 88.6 फीसदी रहा। यानी उसने 149 सीटों पर चुनाव लड़ा और उनमें से 132 सीटों पर जीत रही है या बढ़त बनाए हुए है। भाजपा का वोट शेयर 26.46 फीसदी रहा। उसके बाद शिवसेना को 12.47 फीसदी और राकांपा को 9.35 फीसदी वोट मिले। एमवीए में कांग्रेस को सबसे अधिक 11.89 फीसदी वोट मिले। उसके बाद राकांपा (शरद पवार) को 11.25 फीसदी और शिवसेना (यूबीटी) को 10.28 फीसदी वोट मिले।
हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में हार ने कांग्रेस को कमजोर कर दिया। कांग्रेस नेतृत्व राहुल गांधी की रणनीतियों पर भी सवाल उठा सकते हैं, क्योंकि उन्होंने हाल ही में जाति जनगणना और अदाणी-अंबानी के मुद्दों पर फोकस किया है, जिनका आम जनता के बीच ज्यादा असर नहीं दिखा। हालांकि, केरल के वायनाड में लोकसभा उपचुनाव में प्रियंका गांधी की जीत से कुछ राहत मिली है। साथ ही कर्नाटक में तीन विधानसभा सीटों के उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की। लेकिन ये जीत कांग्रेस समग्र हार की तुलना में कम मायने रखती है।
महाराष्ट्र में भाजपा 78 सीट पर आगे 55 जीते, कुल 133, शिवसेना (शिंदे) 29 सीट पर आगे, 27 जीते, कुल 56, एनसीपी (अजित गुट) 16 सीट पर आगे, 25 जीते, कुल 41, कांग्रेस 11 सीट पर आगे, 5 जीते, कुल 16, शिवसेना (यूनिटी) 09 सीट पर आगे, 11 जीते, कुल 20, एनसीपी (शरद) 04 सीट पर आगे, 06 जीते, 10 कुल, अन्य 06 सीट पर आगे, 06 जीते कुल 12 सीट।
झारखंड की जनता ने हेमंत सोरेन पर भरोसा रखा कायम:
हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाला गठबंधन राज्य में वापसी कर रहा है। झारखंड में हेमंत सोरन की पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है। राज्य में एनडीए का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक रहा। यहां एनडीए को भारी निराशा मिली है। झारखंड में बीजेपी का चुनावी मुद्दा संथाल परगना क्षेत्र से ‘‘घुसपैठियों’’ को बाहर निकालना था, लेकिन यह झामुमो द्वारा खेले गए ‘आदिवासी’ कार्ड के सामने फीका पड़ गया। इसके अलावा झामुमो को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के कारण लोगों की सहानुभूति भी मिली।
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए मतों की गणना जारी है.  राज्य की सभी 81 सीटों पर आज मतों की गणना हो रही है. झारखंड में 2 चरणों में 13 और 20 नवंबर को वोट डाले गए थे. पहले चरण में 66 प्रतिशत और दूसरे चरण में 68 प्रतिशत मतदान हुए थे. इंडिया गठबंधन को इस चुनाव में शानदार सफलता मिली है. जेएमएम कांग्रेस, राजद और भाकपा माले के उम्मीदवार 55 सीटों पर आगे चल रहे हैं. वहीं एनडीए को महज 25 सीटों पर बढ़त मिली है. झारखंड के कई दिग्गज नेता पीछे चल रहे हैं।
वायनाड से प्रियंका गांधी जीती: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सक्रिय संसदीय राजनीति में कदम रख लिया है, इसका फैसला वायनाड के मतदाताओं ने उपचुनाव में कर दिया है। वायनाड सीट पर हुए उपचुनाव में प्रियंका ने 410931 लाख वोट से जीत हासिल है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को 622338 वोट मिले हैं। यहां दूसरे नंबर पर माकपा के सत्यन मोकेरी रहे, जिन्हें 211407 वोट मिले हैं। वहीं तीसरे स्थान पर भाजपा की नाव्या हरिदास रहीं, जिन्हें 109939 वोट मिले हैं।
उपचुनाव में भी भाजपा की बल्ले बल्ले: उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को मतदान हुआ। मीरापुर, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर, करहल, सीसामऊ, फूलपुर, कटेहरी और मझवां सीटों पर वोट डाले गए। रिजल्‍ट में बीजेपी को 9 में से छह सीटों पर जीत हासिल हुई है। दो सीटों पर सपा और एक सीट पर रालोद प्रत्‍याशी जीता है। सभी 9 सीटों पर 49.3 प्रतिशत मतदान हुआ था। कुंदरकी विधानसभा सीट पर बड़ा उलटफेर हुआ है। मुस्लिम बहुल कुंदरकी विधानसभा सीट पर भाजपा ने 1,43,192 वोटों से जीत हासिल की है। यहां से बीजेपी के रामवीर सिंह ने जीत हासिल की है।
राजस्थान में 7 सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव में सत्ताधारी पार्टी भाजपा को एकतरफा जीत हासिल हुई है। बीजेपी ने 5 सीटों (झुंझुनूं, खींवसर, देवली-उनियारा, सलूंबर, रामगढ़) पर जीत दर्ज की। जबकि कांग्रेस अपने कब्जे वाली 4 में से एक सीट(दौसा) पर ही सिमट गई है। भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) ने चौरासी सीट पर कब्जा बरकरार रखा है।
मध्य प्रदेश की दो सीटों विजयपुर और बुधनी में उपचुनाव के नतीजे आ गए हैं। विजयपुर में कांग्रेस ने बीजेपी को धूल चटा दी है। दूसरी ओर शिवराज सिंह चौहान के वर्चस्व वाली बुधनी सीट पर बीजेपी को जीत मिली है। दोनों ही सीटों पर पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी थी। बुधनी सीट शिवराज सिंह चौहान के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हुई थी। वहीं, विजयपुर सीट पर कांग्रेस से विधानसभा चुनाव जीते रामनिवास रावत के बीजेपी में शामिल होने के बाद उपचुनाव की स्थिति बनी थी।
बिहार की चारों विधानसभा सीट इमामगंज, बेलागंज, तरारी और रामगढ़ पर एनडीए ने जीत दर्ज की है। तरारी, इमामगंज, रामगढ़ और बेलागंज से एनडीए उम्मीदवारों की तगड़ी जीत हुई है. महागठबंधन का खाता ही नहीं खुला. वहीं, जनसुराज पार्टी भले ही कोई सीट नहीं जीत पाई लेकिन प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव को भारी नुकसान पहुंचा दिया।
भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों ने असम में हुए सभी पांच विधानसभा में शानदार जीत दर्ज की। शनिवार को मतगणना पूरी हुई, जिसमें भाजपा और उसके गठबंधन के उम्मीदवारों ने बड़े अंतर से जीत हासिल की। समागुरी में ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए, भाजपा ने कांग्रेस के गढ़ में सेंधमारी की। जीत से पार्टी के नेतृत्व में खुशी की लहर दौड़ गई। असम में पांचों विधानसभा उपचुनाव में शानदार जीत के लिए अमस के मुख्यमंत्री ने लोगों का आभार जताया है।
गुजरात की वाव विधानसभा सीट पर बीजेपी ने बाजी पलट दी है। भाजपा प्रत्याशी स्वरूप ठाकोर ने चुनाव जीत लिया है। शुरुआत से आगे चल रहे गुलाब सिंह राजपूत चुनाव हार गए हैं। हालांकि, हार-जीत का अंतर काफी कम रहा। भाजपा प्रत्याशी स्वरूप ठाकोर ने 2442 वोटों से जीत दर्ज की है। 24 राउंड के वोटों की गिनती के बाद स्वरूप ठाकोर को कुल 92,176 वोट मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी गुलाब सिंह राजपूत को 89,734 वोट मिले।
विधानसभा की केदारनाथ सीट के उपचुनाव में बाजी भाजपा के हाथ लग चुकी है। भाजपा प्रत्‍याशी आशा नौटियाल ने कांग्रेस प्रत्‍याशी मनोज रातव को हराकर जीत दर्ज की है। भाजपा प्रत्‍याशी आशा नौटियाल को 23814 वोट‍ मिले। वहीं कांग्रेस प्रत्‍याशी मनोज रावत को 18191 मत प्राप्‍त हुए हैं। भाजपा ने 5623 वोटों से जीत दर्ज की है।
पंजाब की 4 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में 3 सीटें आम आदमी पार्टी ने जीत लीं। इनमें होशियारपुर जिले के चब्बेवाल से डॉ. इशांक कुमार, गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से गुरदीप सिंह रंधावा और मुक्तसर के गिद्दड़बाहा सीट से हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों जीते।
वहीं एक सीट बरनाला में कांग्रेस के कुलदीप सिंह काला ढिल्लों जीते। यह सीट संगरूर से आम आदमी पार्टी सांसद बने गुरमीत सिंह मीत हेयर का गढ़ रही। वे लगातार 2 बार यहां से चुनाव जीते थे लेकिन इस बार अपने करीबी को टिकट दिलाने के चक्कर में पार्टी में फूट पड़ गई। चुनावी नतीजों का अकड़ा खबर लिखे जाने तक का है, फाइनल नतीजों में आगे पीछे हो सकते है।

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