भिलाई (सारनाथ एक्सप्रेस)। कोई भी चीज बनने से पहले हमें उनके काम के बारे में जानना अति आवश्यक है, क्योंकि अगर उनकी कार्य के बारे में पहले जानकारी नहीं करने पर उस क्षेत्र में जाने के बाद हमें कार्य करने में रुचि नहीं लगेंगे एवं लंबे समय तक उन्हें नहीं कर पाएंगे और कुछ दिन करने के बाद उस काम को छोड़ देंगे। आज के समय में हर कोई विद्यार्थी सरकारी नौकरी प्राप्त करना चाहते हैं लेकिन ऐसे बहुत कम ही विद्यार्थी होते हैं, जिन्हें सरकारी नौकरी मिलती है। यह सब बातें नगर पुलिस अधीक्षक भिलाई नगर युवा आईपीएस निखिल राखेचा ने सारनाथ एक्सप्रेस से विशेष बातचीत में कही। उन्होंने अपने अब तक से सफर को हमसे साझा किया….
युवा आईपीएस निखिल राखेचा मूलतः शिंदखेड़ा, जिला धुलिया (महाराष्ट्र) से है। इनकी प्रारंभिक और हायर सेकेण्डरी तक की शिक्षा एसएसवीपीएस कॉलेज, मराठी मीडियम से हुई। इन्होंने वर्ष 2013 में सरदार वल्लभ भाई पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मुंबई से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल किया। इसके बाद इन्होंने एक वर्ष तक पुणे और कोलकाता में सॉफ्टवेयर कंपनी में जॉब किया। सिविल सर्विसेज की पढ़ाई के लिए वर्ष 2015 में ये दिल्ली चले गए। सिविल सर्विसेज की तैयारियों के साथ ही साथ इन्होंने इग्नु से सोशोलॉजी में मास्टर की डिग्री हासिल किया। सिविल सर्विसेज की शुरुआती तीन परीक्षाओं में प्री, मेंस और इंटरव्यू में असफल होने बाद भी इन्होंने हार नहीं मानी और अपने चौथे प्रयास में वर्ष 2019 बैच ये भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के लिए चयनित हुए।
इन्हे छत्तीसगढ़ कैडर मिला। हैदराबाद ट्रेनिंग के बाद छत्तीसगढ़ आए और इन्हे ट्रेनिंग जिला महासमुंद मिला। इस दौरान करीब चार माह ये थाना प्रभारी बसना भी रहे पुनः हैदराबाद ट्रेनिंग किए और वापस छत्तीसगढ़ आने के बाद राज्य सरकार ने इन्हे अक्टूबर 2022 वीवीआईपी जिला दुर्ग में भिलाई नगर सीएसपी की जिम्मेदारी सौंपी है, जिन्हे ये जिम्मेदारी के साथ निभा रहे है।
बॉलीबाल, रनिंग, किताब पढ़ने और आउट डोर फिजिकल एक्टिविटी में विशेष रुचि रखने वाले आईपीएस निखिलराखेचा मुंबई में यूनिवर्सिटी लेबल पर बॉलीबॉल खेल चुके है। इनके पिताजी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में थे जो अब रिटायर्ड हो चुके है। इनकी दीदी डॉक्टर है तथा इनकी धर्मपत्नी आईएएस अफसर है जो छत्तीसगढ़ में ही पदस्थ है। ये एपीजे अब्दुल कलाम आजाद को अपना आदर्श मानते है।
युवा आईपीएस निखिल राखेचा ने बताया कि जब मैं सॉफ्टवेयर कंपनी में जॉब कर रहा था, तब वहा कुछ खास ऑपर्चुनिटी नही मिलती थी समाज और देश के लिए करने के लिए इसलिए मैंने सिविल सर्विसेज में जाने का निर्णय लिया और मैं जॉब छोड़ कर तैयारी करने के लिए दिल्ली चले गया। मेरी सोच है की समाज में देश में कुछ बदलाव लाया जाए, काम में जो भी कमियां है उसे सुधारा जाएं। हर जगह प्राब्लम की तलाश कर उसके निराकरण की सोचता हूं।
जो युवा एग्जाम की तैयारी कर रहे है उन्हे यही सलाह दूंगा की जैसे आप अपने लाइफ में स्पोर्ट्स को चुनते है, जो आप खेलना चाहते है वैसे ही स्वयं की रुचि से ही कैरियर का भी चुने। अपने जीवन में किसी एक स्पोर्ट्स को हमेशा बनाए रखे जिससे सारी बुरी आदतों से दूर रहेंगे। किसी के दबाव में या दोस्त कर रहा है, लोग कर रहे है तो मैं भी कर लेता हूं, ऐसा करना ठीक नहीं होगा। अपने अंदर की जिज्ञासा को कभी खत्म ना होने दे और जी जान लगाकर तैयारी करे सफलता आवश्य आपके कदम चूमेगी।