प्रेरणा देवस्थली आईएनएस त्रिकंद के कमांडिंग अफसर के तौर पर काम कर रही हैं। वहीं उनके भाई ईशान को आईएनएस विभूति का कमांडर बनाया गया है…
नईदिल्ली (ए)। भारतीय नौसेना में पहली बार लेफ्टिनेंट कमांडर भाई-बहन ने नया कीर्तिमान रचा है। नौसेना के युद्ध जहाजों की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी प्रेरणा देवस्थली के भाई ईशान देवस्थली भी उनकी राह पर चल पड़े हैं। ईशान को भी नौसेना में युद्धक जहाज की कमान सौंपी गई है। प्रेरणा जहां आईएनएस त्रिकंद की कमांडिंग अफसर के तौर पर काम कर रही हैं। वहीं उनके भाई ईशान को आईएनएस विभूति का कमांडर बनाया गया है।
लेफ्टिनेंट कमांडर प्रेरणा को पिछले साल चार दिसंबर को आईएनएस त्रिकंद का जिम्मा सौंपा गया था। इससे पहले वह आईएनएस चेन्नई में फर्स्ट लेफ्टिनेंट थीं। 2009 में नौसेना में शामिल हुईं प्रेरणा टुपलोव Tu-142 पर भी पहली महिला ऑब्जर्वर के तौर पर काम कर चुकी हैं, जोकि समुद्र में टोह लेने वाला जहाज है। मूल रूप से मुंबई की रहने वाली प्रेरणा ने कान्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी से पढ़ाई करने के बाद सेंट जेवियर्स कॉलेज से मनोविज्ञान में एमए किया है। प्रेरणा नौसैनिक परिवार से आती हैं। उनकी शादी भी एक नौसेना अधिकारी से हुई और उनकी साढ़े तीन साल की बेटी भी है।
पिछले साल एक साक्षात्कार में प्रेरणा देवस्थली ने कहा था कि उनको बचपन से ही नौसेना, विमान और हेलीकॉप्टर संचालन में दिलचस्पी थी। उन्होंने कहा था कि परिवार के प्रोत्साहन ने मुझे भारतीय नौसेना में शामिल होने और अपने सपने को जीने के लिए प्रोत्साहित किया।
बचपन से ही उनके माता-पिता ने समग्र विकास पर जोर दिया। स्कूल और कॉलेज में, वह न केवल एक अच्छी छात्रा थी, बल्कि तैराकी, टेनिस खेलती थी और विभिन्न पाठ्येतर गतिविधियों में भाग लेती थी। उनके पिता मुंबई विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे और उनकी मां मुंबई पोर्ट में सीएफए (मुख्य वित्तीय सलाहकार) थीं।
बहन प्रेरणा के बाद उनके भाई ईशान देवस्थली ने भी नौसेना की ओर कदम बढ़ाए। नौसेना में कमांडर ईशान को आईएनएस विभूति की कमान सौंपी गई है। यह भारतीय नौसेना का मिसाइल युद्धपोत है। हाल ही में सात नवंबर को आईएनएस विभूति से अरब सागर में गोवा के तट पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को स्टीम पास्ट दिया गया था।