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रामनवमी पर हुई हिंसा के बाद एक्शन में चुनाव आयोग: DIG को पद से हटाया, दो थाना प्रभारियों को किया निलंबित

डीआईजी आईपीएस मुकेश कुमार को भी पद से हटा दिया था. चुनाव से पहले मुर्शिदाबाद में कानून व्यवस्था के हालात बहुत सामान्य नहीं हैं. रामनवमी की हिंसा से पहले यहां कांग्रेस और तृणमूल के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक संघर्ष में बमबारी और फायरिंग हुई थी…

 

नईदिल्ली (ए)। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बुधवार (17 अप्रैल) को रामनवमी की शोभायात्रा पर हुए पथराव और हिंसा की घटना की गाज स्थानीय थाना प्रभारियों पर गिरी है. चुनाव आयोग ने यहां के बेलडांगा और शक्तिपुर थाने के प्रभारी को निलंबित करने का आदेश दिया है।

इसके साथ ही इन थाना प्रभारियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल करने को कहा गया है. शुक्रवार (19 अप्रैल) को चुनाव आयोग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किया गया है. इसमें शक्तिपुर और बेलडांगा थाने के प्रभारी को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्देश दिया गया है. इसमें साफ लिखा है कि सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने में विफलता की वजह से इन दोनों अधिकारियों को हटाया गया है।

दरअसल रामनवमी की शाम मुर्शिदाबाद के बेलडांगा और‌ शक्तिपुर के इलाके में हिंसा हुई थी. आरोप लगे थे कि रामनवमी की शोभायात्रा पर चारों तरफ से पथराव किए गए थे. बमबारी के भी आरोप लगे थे. बीजेपी ने इसे लेकर ममता बनर्जी पर निशाना साधा था. पार्टी की आईटी सेल के प्रमुख और पश्चिम बंगाल के सह प्रभारी अमित मालवीय ने कहा था कि ममता बनर्जी के उकसावे की वजह से रामनवमी की शोभायात्राओं पर हमले हुए हैं. हिंसा की इस घटना में करीब दर्जनों लोगों के घायल होने के दावे किए गए थे. आरोप लगे थे की शोभायात्रा पर पथराव के समय पुलिस हालात को नहीं संभाल पाई थी और मूकदर्शक बनी रही थी।

बता दें कि इसके पहले चुनाव आयोग ने मुर्शिदाबाद रेंज के डीआईजी आईपीएस मुकेश कुमार को भी पद से हटा दिया था. चुनाव से पहले मुर्शिदाबाद में कानून व्यवस्था के हालात बहुत सामान्य नहीं हैं. रामनवमी की हिंसा से पहले यहां कांग्रेस और तृणमूल के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक संघर्ष में बमबारी और फायरिंग हुई थी।

इसके बाद डीआईजी को हटाया गया था. तब ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए कहा था कि अगर दंगा होगा तो चुनाव आयोग जिम्मेदार होगा. ममता ने कहा था कि मैं जानती हूं कि कौन कानून व्यवस्था को संभाल सकता है लेकिन उन अधिकारियों को हटाया जा रहा है. इसके बाद रामनवमी के मौके पर शोभायात्रा जब निकली तो उस पर पथराव हुआ था. इसके बाद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए हैं।

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