रायपुर। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह द्वारा आज रायपुर का पदभार ग्रहण किया गया। जिसके बाद आईपीएस संतोष सिंह ने रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह से सौजन्य भेंट की और जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
ज्ञात हो की नए एसएसपी संतोष सिंह एक ऐसे चर्चित आईपीएस अफसर हैं, जिन्हें IACP में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है। दुनिया के 165 देशों में से 40 साल से कम उम्र के 40 पुलिस अफसरों को यह सम्मान दिया गया है। 40 पुलिस अफसरों में भारत से दो आईपीएस अफसर शामिल किए गए हैं। इस सूची में छत्तीसगढ़ के IPS संतोष सिंह भी एक हैं।
2011 बैच के आईपीएस संतोष सिंह का जन्म यूपी के गाजीपुर में हुई है। उन्होंने नवोदय विद्यालय से स्कूली शिक्षा हासिल की है। इसके बाद बीएचयू से पॉलिटिकल साइंस की डिग्री हासिल की। संतोष सिंह ने जेनएयू से इंटरनेशनल रिलेशन से एमफिल किया। इसके बाद सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी। 2011 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की और आईपीएस बने।
2011 बैच के आईपीएस संतोष सिंह की पहली पोस्टिंग दुर्ग जिला में रही। उसके बाद नक्सली क्षेत्र सुकमा में 2014 से 2016 तक बतौर एडिशनल एसपी के रूप में कार्य किया है। उसके बाद नारायणपुर और महासमुंद जिले में भी एसपी के रूप में काम किया। संतोष सिंह रायगढ़ में भी दो साल बतौर पुलिस अधीक्षक के रूप में काम किया।
आईपीएस संतोष सिंह को IACP का यह सम्मान महासमुंद जिले में कार्य करने के दौरान चाइल्ड फ्रेंडली पुलिसिंग को बढ़ावा देने के एवज में मिला था। महासमुंद में कार्य के दौरान इन्होंने एक लाख बच्चों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जो कि वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी आकी गई। इसके साथ ही संतोष सिंह ने रायगढ़ में कार्य करने के दौरान रक्षा बंधन त्यौहार के वक्त लोगों को कोविड-19 से जागरूक करते हुए, 12 लाख से ज्यादा लोगों को मास्क बांटे थे।
चैंपियंस ऑफ चेंज अवॉर्ड भी मिल चुका है: एसएसपी संतोष सिंह को कोरबा जिले में उत्तम काम करने के कारण तत्कालीन उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने 2018 में चैंपियंस ऑफ चेंज अवार्ड से सम्मानित किया था। वहीं, रायगढ़ में तैनाती के दौरान ही संतोष सिंह को क्राइम कंट्रोल के लिए तीन बार इंद्रधनुष अवॉर्ड भी दिया गया।
एसएसपी संतोष सिंह ने नशे के कारोबार पर नकेल कसने के लिए निजात अभियान चला रखा है। इस अभियान के तहत नशा तस्करी करने के आरोपियो पर सख्त कार्रवाई की जाती है साथ जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है।