भिलाई। मेरे पापा ने कभी पढ़ाई में रोक टोक नहीं किया। उनका कहना था कि जिस फील्ड में जाना है जाओ, जो पढ़ना है पढ़ो, अपने फील्ड में बेस्ट करो। पापा और मझले भैया के सहयोग से ही आज मै प्रशासनिक फील्ड में आ पाई हूं। प्रशासनिक फील्ड में काम करते हुए पति का बहुत सहयोग मिलता है जिससे कि मै नौकरी और परिवार दोनों के बीच सामंजस्य स्थापित करने में सफल रही हूं। यह सब बातें डिप्टी कलेक्टर (एसडीएम) गुण्डरदेही प्रतिमा झा ने सारनाथ एक्सप्रेस से विशेष बातचीत में कही। उन्होंने अपने अब तक के सफर को हमसे साझा किया।
एसडीएम प्रतिमा झा की प्रारंभिक और मिडिल स्कूल तक की शिक्षा डोंगरगढ़ जिला राजनांदगांव के रेलवे स्कूल में हुई। शासकीय कन्या शाला, डोंगरगढ़ से उन्होंने हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी तक की शिक्षा पूर्ण किया। जुलाई 2007 में स्काउट गाइड के रोवर रेंजर सेक्शन में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत हुई। जवाहर लाल नेहरू महाविद्यालय, डोंगरगढ़ से उन्होंने बीएससी (गणित) में स्नातक किया।
वर्ष 2002 में उनका चयन मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लिकेशन (एमसीए) के लिए हुआ लेकिन इसी दौरान इनके पिताजी का देहांत हो गया जिसके कारण उन्होंने संविदा शिक्षक की नौकरी ज्वॉइन की और वर्ष 2003 से वर्ष 2010 तक पूर्व माध्यमिक शाला खरखाटोला में अपनी सेवाएं दी। नौकरी करने के साथ ही साथ उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू की और 2008 के सीजी पीएससी के एग्जाम में भाग लिया और अपने पहले ही प्रयास में नायब तहसीलदार के लिए चयनित हुई। उनकी पहली पोस्टिंग कवर्धा जिले में हुई जहां उन्होंने 2013 से 2016 तक अपनी सेवाएं दी। तहसीलदार के पद पर पदोन्नत होते हुए वर्ष 2016 से 2018 तक राजनांदगांव में अपनी सेवाएं दी।
वर्ष 2018 से 2021 तक दल्लीराजहरा (बालोद) में अपनी सेवाएं दी। वर्ष 2021 में उनका प्रमोशन हुआ और डिप्टी कलेक्टर बनी और कांकेर जिले में पोस्टिंग होते ही अंतागढ़ (कांकेर) एसडीएम बनाया गया। वर्ष 2022 से 2023 तक राजनांदगांव में डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदस्थ रही। वर्ष 2023 से बालोद जिला में पदस्थ हुई और इस दौरान उन्हें डौंडीलोहारा एसडीएम , बालोद एसडीएम, गुरूर एसडीएम (प्रभारी) की भी जिम्मेदारी सौंपी गई। जिसमेँ उन्होंने जिम्मेदारी के साथ अपनी महती भूमिका निभाई तथा वर्तमान में गुंडरदेही जिला बालोद एसडीएम के पद पर पदस्थ हैं।
तहसीलदार रहते हुए उन्हें डायवर्शन के लिए सर्वाधिक शुल्क वसूली करने के लिए पुरस्कृत किया गया था साथ ही
वैश्विक महामारी कोविड के समय अच्छे कार्य के लिए बालोद जिला प्रशासन ने इन्हें पुरस्कृत किया। राजनांदगांव में पदस्थ रहते हुए उन्हे जनदर्शन के मामलों का त्वरित गति निदान के लिए पुरस्कृत किया जा चुका है।
कुकिंग, गार्डेनिंग और गाने सुनने में विशेष रुचि रखने वाली एसडीएम प्रतिमा झा ने अपने काम करने का उद्देश्य बताते हुए कहा कि जनता का काम जो नियमानुसार है उसे त्वरित गति से निराकरण करना प्राथमिकता रहती है। पब्लिक शासकीय कार्यालय के बार बार चक्कर ना लगाए इसका ध्यान रखना चाहिए, जो कार्यालय आए उसका काम शासन के निर्देशानुसार हो जाए।
महिला दिवस पर महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि लड़कियां अपने पैरों पर जरूर खड़े हो, आर्थिक रूप से सशक्त होगी तभी अपना निर्णय खुद ले सकेगी। पैरेंट्स से भी अपील है कि आप अपनी बेटियों की शादी के लिए जो पैसे रखे है उन पैसों को बेटियों को अपने पैरों पर खड़े होने के लिए लगाएं ताकि वो राज्य का, देश का गौरव बन सके। बेटियों को बेटों से कभी भी कम ना आंके। प्रतिभा कभी परिस्थितियों की मोहताज नहीं होती। अगर आप दृढ़ निश्चय है तो आपको सफलता हासिल जरूर होगी। प्रकृति परीक्षा भी लेती है और सपोर्ट भी करती है। आपमें प्रतिभा और जज़्बा है तो आप आगे निकल जाएंगे।