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ग्लोबल सर्विस एक्सपोर्ट में हिस्सेदारी बढ़कर हुई डबल, दुनिया की सर्विस फैक्ट्री के रूप में उभरा भारत

ग्लोबल सर्विस एक्सपोर्ट में भारत की हिस्सेदारी बढ़कर दोगुनी यानी डबल हो गई है और चर्चित फर्म गोल्डमैन सैक्श ने ये खुलासा अपनी रिपोर्ट में किया है…

नईदिल्ली (ए)। भारत का सर्विस सेक्टर लगातार शानदार उपलब्धियां हासिल करता जा रहा है और अब एक ऐसी रिपोर्ट आई है जिसके आधार पर ये जानकारी और पुख्ता हो जाती है. ग्लोबल सर्विस एक्सपोर्ट में भारत की हिस्सेदारी बढ़कर दोगुनी यानी डबल हो गई है. एक ग्लोबल रिपोर्ट में ये बात कही गई है।

गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के मुताबिक 18 सालों में भारत की हिस्सेदारी ग्लोबल सर्विस एक्सपोर्ट में दोगुनी हो चुकी है. सोमवार को जारी की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर्स यानी GCCs ने इस एक्सपेंशन में बेहद अहम भूमिका निभाई है और जिससे देश में रियल एस्टेट, सेवाओं के निर्यात में विस्तार किया जा सका है. कंपनियों के राजस्व में इजाफा हुआ, नई नौकरियों का सृजन हुआ और भारत की आर्थिक वृद्धि में और बढ़त दर्ज की गई है. गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट का टाइटल ‘India’s Rise as the Emerging Services Factory of the World’ है।

ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर्स यानी GCCs कंपनियों द्वारा स्थापित की गई वो एंटिटी हैं जो स्पेशलाइज्ड होती हैं और ये सेंटर बिजनेस की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हैं. इनमें आईटी, ह्यूमन रिसोर्स, फाइनेंस, एनालिटिक्स के साथ अन्य कारकों को शामिल किया जाता है।

ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर्स यानी GCCs की शानदार ग्रोथ को दिखाने वाला आंकड़ा गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट में दिया गया है. ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर्स की ग्रोथ पिछले 13 सालों में 11.4 फीसदी की सीएजीआर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 46 बिलियन डॉलर पर आ चुकी है. इस तरह इसमें 4 गुना का इजाफा देखा जा चुका है. इसी अवधि के दौरान GCCs की संख्या दोगुनी हो चुकी है. ये 700 से बढ़कर 1580 तक पहुंच चुके हैं और इसने सेक्टर में 13 लाख कर्मचारियों को अपने साथ जोड़ा है जो कि 11.6 फीसदी सीएजीआर ग्रोथ दिखाता है. इसके दम पर वित्त वर्ष 2023 में कुल एंप्लाइज की संख्या 17 लाख हो गई है।

 

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