प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब मराठी साहित्य सम्मेलन का दीप प्रज्जवलन करने पहुंचे तो उन्होंने शरद पवार से आगे आने और उनके साथ सम्मान करने का अनुरोध किया। इसके बाद जब शरद पवार अपना संबोधन समाप्त करके अपनी सीट की ओर लौट रहे थे तो पीएम मोदी ने उनको सीट पर बैठने में मदद की और उनको पानी का गिलास भरकर दिया…
नईदिल्ली (ए)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीति से इतर वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करने से कभी पीछे नहीं हटते हैं। शुक्रवार को नई दिल्ली में 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के दौरान इसकी झलक देखने को मिली। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने जब स्वागत समिति के अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता शरद पवार का सम्मान किया। पीएम मोदी ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार की सीट पर बैठने में मदद की और उन्हें पानी का गिलास भरकर दिया। पीएम मोदी के इस सेवाभाव को देख हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज् उठा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब मराठी साहित्य सम्मेलन का दीप प्रज्जवलन करने पहुंचे तो उन्होंने शरद पवार से आगे आने और उनके साथ सम्मान करने का अनुरोध किया। इसके बाद जब शरद पवार अपना संबोधन समाप्त करके अपनी सीट की ओर लौट रहे थे तो पीएम मोदी ने उनको सीट पर बैठने में मदद की और उनको पानी का गिलास भरकर दिया।
इसके बाद जब पीएम मोदी ने अपना भाषण शुरू किया तो सबसे पहले यही कहा कि आज शरद पवार के निमंत्रण पर मुझे इस गौरवशाली परंपरा में शामिल होने का अवसर मिल रहा है। मराठी भाषा अमृत से भी मीठी है। इसलिए आप मराठी भाषा और मराठी संस्कृति के प्रति मेरे प्रेम से भली-भांति परिचित हैं। मैं आप विद्वानों जितना मराठी में पारंगत नहीं हूं, लेकिन मैंने मराठी बोलने, मराठी के नए शब्द सीखने का निरंतर प्रयास किया है। समारोह के दौरान मोदी और पवार बातचीत करते दिखे।
मराठी में शूरता और वीरता भी
पीएम मोदी ने कहा कि मराठी एक सम्पूर्ण भाषा है। मराठी में शूरता भी है, वीरता भी है। मराठी में सौंदर्य है, संवेदना भी है, समानता भी है, समरसता भी है। इसमें अध्यात्म के स्वर भी हैं और आधुनिकता की लहर भी है। मराठी में भक्ति भी है, शक्ति भी है और युक्ति भी है।