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फूड इंस्पेक्टर का गजब कारनामा: जलाशय में गिरे मोबाइल को ढूंढने के लिए बहा दिया 20 लाख लीटर पानी, कलेक्टर ने किया सस्पेंड, ट्विटर पर भिड़े CM और पूर्व CM

कांकेर जिले के पखांजूर में पदस्थ फूड इंस्पेक्टर राजेश बिस्वास ने परलकोट जलाशय में गिरी अपनी महंगी मोबाइल को ढूंढने के लिए 20 लाख लीटर पानी व्यर्थ बहा दी,इस पानी से डेढ़ हजार एकड़ सिंचाई हो सकती थी…

कांकेर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के ग्रामीण अंचलों में एक तरफ जहां भीषण गर्मी में  पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है. सैकड़ों ग्रामीण पेयजल के अभाव में झरिया का पानी पीने को मजबूर हो रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ एक सरकारी अधिकारी ने अपनी डेढ़ लाख रुपए की मोबाइल ढूंढने  के लिए जलाशय का 20 लाख लीटर पानी व्यर्थ बहा दिया है.  मामला छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के पखांजूर का है , जहां खाद विभाग में पदस्थ फूड इंस्पेक्टर ने परलकोट जलाशय में अपनी महंगी मोबाइल गिरा दी और उसे ढूंढने के लिए अपने अधीन राशन दुकान के स्टाफ से डीजल पंप लगाकर जलाशय से लगभग 20 लाख लीटर पानी खाली करवा दी. 

हालांकि अधिकारी का मोबाइल तो मिल गया लेकिन अब वह चालू  नहीं हो रहा है. लेकिन अपने मोबाइल के लिए भीषण गर्मी में लाखों लीटर पानी की बर्बादी के बाद भी विभाग अधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा  है, जानकारी के मुताबिक 20 लाख लीटर पानी से डेढ़ हजार एकड़ खेत की सिंचाई  की जा सकती थी, लेकिन फूड अफसर के कारनामे से लाखों लीटर पानी व्यर्थ बह गया. विभाग के अधिकारी भी फूड अफसर के इस कारनामे को  लेकर चुप्पी साध रखे हैं।

दोस्तो के साथ पिकनिक मनाने पहुँचे थे फ़ूड अफसर
पखांजुर के परलकोट गांव के ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक 5 दिन पहले पखांजूर खाद्य विभाग में फूड इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ राजेश विश्वास अपने दोस्तों के साथ परलकोट जलाशय में पिकनिक पार्टी मनाने आए थे. और इस दौरान उनका मोबाइल जलाशय में गिर गया, मोबाइल काफी महंगा होने की वजह से फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास ने पहले गांव के कुछ गोताखोरों को बुलाकर उनका मोबाइल ढूंढने में लगाया.

लेकिन मोबाइल नहीं मिल पाया. जलाशय का  पानी काफी गहरा था इसलिए अगले दिन अधिकारी अपने साथ 30-30 एचपी की दो डीजल पंप लेकर जलाशय पहुंचे और गांव के राशन दुकान के  स्टाफ से जलाशय  के पानी को खाली कराया लगभग 3 दिनों तक वहाँ कुर्सी में बैठकर फ़ूड अधिकारी ने लगातार  जलाशय का पानी खाली कराया और जलाशय का 10 फिट पानी 4 फिट रह गया. इसकी जानकारी जैसे ही सिंचाई विभाग के अधिकारियों को लगी उसके बाद अधिकारी अलर्ट होते हुए जलाशय पहुँचे और उन्होंने पंप को बंद कराया. हालांकि मोबाइल मिल गया लेकिन अब वह चालू नहीं हो रहा लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि जलाशय के वेस्ट वियर से स्केल वाय के बीच जमा लगभग 20 लाख लीटर पानी बहा दिया गया.

जानकारी के मुताबिक इतना पानी डेढ़ हजार एकड़ खेत की सिंचाई के लिए काफी था. फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास ने अपने कारनामे को लेकर सफाई देते हुए कहा कि फोन में विभाग की  महत्वपूर्ण जानकारी थी. इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया लेकिन अब फोन बंद हो गया है. उन्होंने कहा कि जलाशय से पानी खाली कराने के लिए उन्होंने सिंचाई विभाग के एसडीओ से भी मौखिक रूप से परमिशन ली थी इधर इस मामले में सिंचाई विभाग के एसडीओ आर.सी धीवर का कहना है कि फ़ूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास ने उन्हें मोबाइल गिरने की जानकारी दी थी और थोड़ी बहुत पानी निकालने की बात कही थी. ऐसे में उन्होंने मुझे धोखे में रखकर जलाशय का ज्यादा पानी बहा दिया. हालांकि इस कारनामे को लेकर इसकी जांच और कार्यवाही करने के नाम पर अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं, वही फूड इंस्पेक्टर भी अपने इस गलती को छोटी गलती बता रहे हैं।

पूरे बस्तर संभाग में है पानी की किल्लत गौरतलब है कि भीषण गर्मी में जंगल पहाड़ों के जल स्त्रोत लगभग सूख गए हैं. साथ ही  बस्तर  सँभाग में ऐसे कई गांव हैं जहां पीने के पानी के लिए ग्रामीण काफी मशक्कत कर रहे हैं. साथ ही झरिया खोद रहे हैं और गांव की महिलाएं चिलचिलाती धूप में कई किलोमीटर पैदल चलकर पानी ला रही है लेकिन इस कारनामे के लिए सरकारी अफसरों को इस दर्द का एहसास नहीं है. ऐसे में अपने सरकारी काम काज  को लेकर अधिकारियों के संवेदनशील होने के सारे दावे झूठे साबित हो रहे हैं. फिलहाल फूड इंस्पेक्टर के इस कारनामे की जानकारी जिला प्रशासन के बड़े अधिकारियों को भी लगी है. लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

इसकी आलोचना करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि दाऊ भूपेश बघेल की तानाशाही में अधिकारी प्रदेश को पुश्तैनी जागीर समझ बैठे हैं. आज भीषण गर्मी में लोग टैंकरों के भरोसे हैं, पीने तक के पानी की व्यवस्था नहीं है. वहीं अधिकारी अपने मोबाइल के लिए लगभग 21 लाख लीटर पानी बहा रहे हैं. इतने में डेढ़ हजार एकड़ खेत की सिंचाई हो सकती थी।

इसके जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी ट्वीट किया है. मुख्यमंत्री ने अधिकारी को सस्पेंड करने की जानकारी देते हुए लिखा कि 2 बातें हैं डॉक्टर साहब. पहली ये कि अपने पद का दुरुपयोग करने का हक ‘नवा छत्तीसगढ़’ में किसी को नहीं है, जिस अधिकारी ने यह कृत्य किया है उसे निलंबित किया जा चुका है. वो दौर बीत गया जब लोग सत्ता में बैठकर फर्जी राशन कार्ड बनाते थे और अपने बेटे का ‘पनामा’ में खाता खुलवाते थे।

इसके आगे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रमन सिंह पर अनोखे अंदाज में पलटवार करते हुए लिखा कि दूसरी बात ये है कि आज हमने मितान योजना में राशन कार्ड को जोड़ा है, अब 14545 पर फोन करके मितान को घर बुलाएं और घर बैठे ही राशन कार्ड बनवाएं. यह बहुत अच्छी शुरुआत है, इसको आप आगे 3 लोगों को बताएं और उनसे कहें कि वो भी आगे 3 लोगों को बताएं. जय छत्तीसगढ़।

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