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माफिया मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से हुई मौत: ईलाज के लिए अस्पताल में कराया गया था भर्ती, मऊ-गाजीपुर में बढ़ाई गई सुरक्षा

मऊ से कई बार विधायक रह चुके मुख्तार अंसारी को विभिन्न मामलों में सजा सुनाई गई है और वह इस वक्त बांदा की जेल में निरुद्ध है। मुख्तार अंसारी पर उत्तर प्रदेश, पंजाब, नयी दिल्ली और अन्य राज्यों में लगभग 60 मामले लंबित हैं…

बांदा (ए)। उत्तर प्रदेश में गाजीपुर के सजायाफ्ता माफिया मुख्तार अंसारी को बांदा की जेल में अचानक से दिल का दौरा पड़ा है। हार्ट अटैक के बाद बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था मुख्तार अंसारी की इलाज के दौरान मौत होने की खबर सामने आ रही है। हालांकि मौत को लेकर अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। मुख्तार को तुरंत जेल से बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया है।

इसी बीच, मऊ और गाजीपुर और बांदा में सुरक्षा बढ़ाई गई है. बड़ी संख्या में पैरा मिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई है. डीजीपी मुख्यालय ने सतर्कता बरतने के निर्दश दिए हैं. माफिया मुख्तार की बिगड़ी तबीयत बिगड़ने पर उसके परिवार के सदस्य बांदा के लिए रवाना हुए हैं।

मुख्तार अंसारी बांदा मेडिकल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था. 9 डॉक्टरों की टीम निगरानी कर रही थी. माफिया मुख्तार अंसारी की मौत हो गई है. मुख्तार अंसारी बांदा मेडिकल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अंसारी अपने बैरक में बेहोश पाया गया। इसके पहले मंगलवार (26 मार्च) को भी माफिया की तबीयत खराब हुई थी। तब भी उसे बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के आईसीयू वार्ड में भर्ती करवाया गया था। कुछ दिनों पहले मुख्तार के भाई अफजाल ने इस बात का दावा भी किया था कि उसके भाई मुख्तार को धीमा जहर दिया जा रहा है।

इसके पहले बुधवार (27 मार्च) को मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी ने मीडिया से बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय में फोन करने का मकसद यह गुजारिश करना था कि बांदा मेडिकल कॉलेज में अगर उपचार की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो तो मुख्तार को लखनऊ के मेदांता अस्पताल या किसी अन्य बड़े चिकित्सालय में भर्ती कराया जाए और अगर सरकार इलाज का खर्च नहीं उठा सकती तो परिजन यह खर्च वहन कर लेंगे।

पुलिस महानिदेशक (कारागार) ने बताया था कि बंदी मुख़्तार अंसारी की तबीयत रात में अचानक खराब हो जाने तथा शौचालय में गिर जाने के कारण तत्काल जेल डॉक्टर ने उनका उपचार किया और जिला प्रशासन को सूचित कर डॉक्टरों की टीम बुलायी गई, जिसने बंदी को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।

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