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IG राम गोपाल गर्ग ने अभियोजन अधिकारियो के साथ की बैठक, एक दिवसीय फिंगर प्रिंट प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ आयोजन

भिलाई। पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज राम गोपाल गर्ग के द्वारा गुरुवार को कार्यालय के सभागार कक्ष में अभियोजन की मासिक बैठक आयोजित की गई। मीटिंग में अभियोजन में आ रही समस्याओं के निराकरण के लिए यह बैठक मासिक रूप से आयोजित की जाती है। बैठक में जिला लोक अभियोजन पदाधिकारी एवं अभियोजकों को अभियोजन एवं इसके अनुसंधान में समन्वय स्थापित करने का निर्देश देकर संबंधित अभियोजन एवम उनके अनुसंधान पर भी चर्चा की गई है।

बैठक में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण संबंधी अधिनियम, अनुसूचित जाति- अनुसूचित जनजाति, नारकोटिक ड्रग एवं मद्य निषेध आदि विषयों से संबंधित प्रकरणों में अभियोजन के द्वारा एवम पुलिस विवेचना में किस प्रकार की कमियां पाई जाती है, की समीक्षा कर अभियोजन एवं उसके अनुसंधान पर भी चर्चा की गई। जिससे अधिक से अधिक प्रकारणो में आरोपियों को सजा मिल सके। उक्त मासिक समीक्षात्मक बैठक में अभियोजन से जुड़े सभी विषयों पर चर्चा की गई।

अभियोजन की मासिक समीक्षात्मक बैठक में अनुरेखा सिंह, उप संचालक अभियोजन दुर्ग, प्रेमेंद्र कुमार वैसवाडे, उप संचालक अभियोजन जिला बालोद, अर्पणा अग्रवाल जिला अभियोजन अधिकारी जिला बेमेतरा, डीएसपी शिल्पा साहू, आईजी ऑफिस के अधिकारीगण शामिल थे।

पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज राम गोपाल गर्ग के द्वारा रक्षित केन्द्र, दुर्ग में रेंज स्तर पर आयोजित 01 दिवसीय फिंगर प्रिंट प्रशिक्षण कार्यशाला का किया आयोजन: पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज राम गोपाल गर्ग के निर्देशन में रक्षित केन्द्र, दुर्ग स्थित सभागार में दिनांक 28.03.2024 को रेंज स्तरीय 01 दिवसीय फिंगर प्रिंट प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

जिसमें फिंगर प्रिंट विशेषज्ञ राकेश नरवरे, रायपुर-दुर्ग संभाग द्वारा अपराध विवेचना में नवीन तकनीक के इस्तेमाल के रूप में घटित अपराध में फिंगर प्रिंट की महत्ता, फिंगर प्रिंट पहचान से विवेचना अधिकारी को किसी भी अपराध में वांछित अपराधी के रिकार्ड की पड़ताल एवं पहचान के उद्देश्य एवं फिंगर प्रिंट लेते समय बरती जाने वाली सावधानियों एवं उसके रख-रखाव के तरीको को बारीकी से समझाना एवं नेफिस (National Automated Fingerprint Identification System) में लिये गये फिंगर प्रिंटों को एकजाई अपलोड करने संबंधी प्रणाली को समझाया गया।

पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज राम गोपाल गर्ग ने पुलिस कर्मचारियों से यह कहा कि वैज्ञानिक युग में ज्यादा से ज्यादा साइंस का इस्तेमाल क्राइम इन्वेस्टिगेशन में किया जाए। इसके काफी फायदे हैं। इसे सबसे बड़ा फायदा यह है कि जांच में पारदर्शिता आती है और संदेह की कोई संभावना नहीं रहती।

कार्यशाला में रामगोपाल गर्ग (भापुसे), पुलिस महानिरीक्षक, दुर्ग रेंज, दुर्ग के निर्देशन में सुखनंदन राठौर, अति. पुलिस अधीक्षक (शहर) भिलाई-दुर्ग, चिराग जैन (भापुसे) नगर पुलिस अधीक्षक, दुर्ग, एलेक्जेंडर कीरो उप पुलिस अधीक्षक (मुख्या), दुर्ग, चंद्रप्रकाश तिवारी, उप पुलिस अधीक्षक (लाईन), रक्षित केन्द्र, दुर्ग, नीलकंठ वर्मा, रक्षित निरीक्षक, रक्षित केन्द्र, दुर्ग के अधिकारीगण उपस्थित रहें एवं रेंज अंतर्गत विभिन्न थानों में पदस्थ कोर्ट मोहर्रिर / एम.ओ.बी./कोलेटर आरक्षक (जिला बालोद से 30 प्रशिक्षणार्थी, जिला बेमेतरा से 12 प्रशिक्षणार्थी एवं जिला दुर्ग से 76 प्रशिक्षणार्थी) कुल 120 से अधिक प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण कार्यशाला में सम्मिलित हुए।

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