कुलपतियों और अन्य वरिष्ठ शिक्षाविदों ने साझा बयान में इस आरोप का खंडन किया और कहा कि कुलपतियों की नियुक्ति की प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से योग्यता के आधार पर हो रही है…
नईदिल्ली (ए)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, वाइस चांसलर्स की नियुक्ति पर दिये गए बयान पर घिरते नजर आ रहे हैं. देश के लगभग 180 विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर्स ने राहुल गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. इन्होंने साझा बयान जारी कर राहुल गांधी के आरोपों की निंदा की है. राहुल गांधी ने कहा था कि वाइस चांसलर्स की नियुक्ति योग्यता और अहर्ता को ताक पर रख कर कुछ संगठनों से संबंधों के आधार पर की जा रही है।
कुलपतियों और अन्य वरिष्ठ शिक्षाविदों ने साझा बयान में इस आरोप का खंडन किया और कहा कि कुलपतियों की नियुक्ति की प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से योग्यता के आधार पर हो रही है. कुलपति अपने कामकाज में संस्थाओं की मर्यादा और नैतिकता का ध्यान रखते हैं. ग्लोबल रैंकिंग के हिसाब से देखें तो भारतीय विश्वविद्यालयों में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है।
साझा बयान में 180 वाइस चांसलर्स और शिक्षाविदों के हस्ताक्षर भी हैं. दस्तखत करने वालों में संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी, एनसीआईआरटी, नेशनल बुक ट्रस्ट, एआईसीटीई, यूजीसी आदि के प्रमुख भी शामिल हैं।
लेटर में क्या-क्या लिखा है…
राहुल गांधी की X पोस्ट और ओपन सोर्स से हमें पता चला है कि यह दावा किया है कि कुलपतियों की नियुक्ति, योग्यता के आधार पर नहीं बल्कि किसी संगठन से जुड़े होने के आधार पर की जाती है। जिससे कुलपतियों की चयन प्रक्रिया की पर सवाल उठता है। हम ऐसे दावों को खारिज करते हैं।
कुलपतियों के सिलेक्शन में योग्यता, स्पेशलाइजेशन और ईमानदारी के आधार पर ट्रांसपेरेंट प्रोसेस अपनाई जाती है। ज्ञान के संरक्षक और एडमिनिस्ट्रेटर के तौर पर हम अखंडता, नैतिक व्यवहार और संस्थागत अखंडता को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं।
हम सभी से अपील करते हैं कि वे फैक्ट और फेक में अंतर समझने के लिए अपने विवेक का इस्तेमाल करें। निराधार अफवाहों को फैलाने से बचें। ऐसी चर्चा में शामिल हों, जो क्रिएटिव और गतिशील वातावरण बनाने के हमारे लक्ष्य को सपोर्ट करे।
देशभर की नामी यूनिवर्सिटीज के कुलपतियों और एकेडमिक लीडर्स ने सिलेक्शन प्रोसेस को लेकर हाल ही में लगाए गए निराधार आरोपों का जवाब दिया है और उनका खंडन किया है।
इस बात को देखते हुए कि राहुल गांधी ने झूठ का सहारा लिया है और राजनीतिक लाभ उठाने के इरादे से हमें बदनाम किया है। इसलिए, यह प्रार्थना करते हैं कि उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए।
लेटर लिखने वालों में शामिल एकेडमिक लीडर्स
ओपन लेटर लिखने वालों में JNU की वाइस चांसलर्स शांतिश्री धुलीपुडी पंडित, दिल्ली यूनिवर्सिटी के VC योगेश सिंह और एआईसीटीई के अध्यक्ष टीजी सीताराम शामिल हैं। लेटर पर साइन करने वाले कुछ और लोगों में सीएसजेएम यूनिवर्सिटी कानपुर के VC विनय पाठक, पेसिफिक यूनिवर्सिटी उदयपुर के VC भगवती प्रकाश शर्मा, महात्मा गांधी ग्रामोदय यूनिवर्सिटी चित्रकूट के पूर्व वाइस चांसलर एनसी गौतम, गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी बिलासपुर के VC आलोक चक्करवाल और बीआर अंबेडकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी सोनीपत के पूर्व वाइस चांसलर विनय कपूर शामिल हैं।
Vice Chancellors and academicians from several parts of the country write an open letter opposing Congress leader Rahul Gandhi’s remarks on the selection process of Vice Chancellors.
The letter reads "The process by which Vice Chancellors are selected is characterised by… pic.twitter.com/6jIQVai9m7
— ANI (@ANI) May 6, 2024