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आज से चारधाम यात्रा प्रारंभ: 22 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने कराया पंजीयन, मोबाइल से रील न बनाने की अपील

यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट 10 मई को खुल जाएंगे। 12 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। चारधाम यात्रा के लिए बुधवार तक 22 लाख से अधिक श्रद्धालु पंजीयन करा चुके हैं…

 

हरिद्वार (ए)। चारधाम यात्रा आज से शुरू होने जा रही है। यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट 10 मई को खुल जाएंगे। 12 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। चारधाम यात्रा के लिए बुधवार तक 22 लाख से अधिक श्रद्धालु पंजीयन करा चुके हैं। उधर, मंदिर समिति ने यात्रा के दौरान मोबाइल से रील न बनाने की अपील की है।

मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि चारधाम यात्रा की तैयारियां पूरी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि सरकार ने फिलहाल 25 मई तक सभी राज्यों से वीआईपी, वीवीआईपी को दर्शन के लिए न आने का अनुरोध किया है। समिति अध्यक्ष ने तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे भक्तिभाव से दर्शन करने आएं, सोशल मीडिया की रील बनाने से बचें। मंदिर समिति भविष्य में मोबाइल को प्रतिबंधित करने पर भी विचार कर रही है।

चारधाम यात्रा पंजीकरण का आंकड़ा बुधवार को 22 लाख पार हो गया। यमुनोत्री के लिए तीन लाख 44 हजार 150, गंगोत्री के लिए तीन लाख 91 हजार 812, केदारनाथ के लिए सात लाख 60 हजार 254, बदरीनाथ के लिए छह लाख 58 हजार 486 और हेमकुंड साहिब के लिए 45 हजार 959 पंजीकरण हो चुके हैं। बुधवार को दिनभर में 59 हजार 804 पंजीकरण दर्ज किए गए हैं।

बदरीनाथ धाम में मिलेगा टोकन…बदरीनाथ धाम में श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए लाइन में लगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यात्रियों को दर्शन के लिए टोकन जारी किया जाएगा।

हरिद्वार में ऑफलाइन पंजीकरण के लिए पहले दिन व्यवस्थाएं धड़ाम, देर रात तक उमड़ी रही भीड़
हरिद्वार में चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण की अनिवार्यता यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बन गई। ऑनलाइन पंजीकरण के जहां स्लॉट पूरी तरह भर चुके हैं वहीं ऑफ लाइन पंजीकरण की शुरुआत बुधवार से हुई। पहले ही दिन करीब पांच हजार की भीड़ जमा हो गई। इससे ऑफलाइन पंजीकरण की पूरी व्यवस्था धड़ाम हो गई। वहीं, देर रात तक पंजीकरण के लिए यात्रियों की भीड़ लगी रही।

हरिद्वार में पर्यटक विभाग ने कुल छह काउंटर पर पंजीकरण की सुविधा दी, लेकिन तड़के चार बजे से ही यात्रियों की भारी भीड़ विभाग के ऑफिस पहुंच गई। सुबह आठ बजे तक अफरा-तफरी के माहौल में पंजीकरण शुरू ही नहीं हो सका। हालात बिगड़ता देख पर्यटन अधिकारी सुरेश यादव ने जिला प्रशासन से पुलिस बल की मांग की। करीब दस बजे एसडीएम सदर और एक घंटे बाद सिटी मजिस्ट्रेट के पहुंचने पर कुछ स्थिति संभली। वहीं पुलिस बल और पीएसी जवानों की करीब एक टुकड़ी पहुंची, जिन्होंने पहले काउंटर तक पहुंचने की आपाधापी मचा रहे लोगों को कतारबद्ध किया।

पुलिस और पीएसी के जवानों की मौजूदगी में कतारबद्ध लोगों के पंजीकरण का कार्य शुरू हुआ, लेकिन शिथिल गति और छह काउंटर भीड़ के आगे पूरी तरह बौनी दिखी। इसको देखते हुए इंस्पेक्टर कोतवाली कुंदन सिंह राणा ने स्थिति से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया।

सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम की सूझबूझ से नियंत्रित हुई भीड़
चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण की आपाधापी में सबसे ज्यादा परेशानी तब बढ़ी जब चिलचिलाती धूप में लाइनों में खड़े लोगों ने चीखना चिल्लाना शुरू कर दिया। स्थिति संभलते नहीं दिखी तो सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान और एसडीएम अजयवीर सिंह पर्यटन विभाग के कार्यालय परिसर में मौजूद जीएमवीएन के होटल राही में निर्माणाधीन कमरों में काम रुकवाया और वहां पर अतिरिक्त काउंटर संचालित करने का निर्णय लिया। एसडीएम ने आपदा प्रकोष्ठ में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटरों को तत्काल बुलाया और छह काउंटरों पर उन्हें पंजीकरण के लिए लगा दिया। भीड़ को कुल चार हिस्सों में बांटा गया और फिर पंजीकरण का कार्य शुरू हो सका। साथ ही धूप से बचने के लिए टैंट और पेयजल की व्यवस्था की भी कराई गई।

मई के स्लॉट बुक, ऑनलाइन पंजीकरण की नहीं मिली व्यवस्था
ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा नहीं मिलने के कारण अधिक परेशानी उठानी पड़ी। पूर्व के वर्षों में ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा दी जाती रही। इससे शिक्षित लोग सुविधा के अनुसार स्वत: पंजीकरण कर लेते थे, या तो पंजीकरण कार्यालय पर पहुंचने पर उनकी पर्यटन विभाग की ओर से लगाए गए कर्मचारी मदद कर मोबाइल पर ही पंजीकरण करा देते थे। इस बार ऑनलाइन पंजीकरण बंद होने के कारण लोगों को विभाग के पोर्टल के जरिए पंजीकरण कराने की अनिवार्यता के पेंच में फंसना पड़ा। वहीं कम स्लॉट मिलने के कारण भी परेशानी हुई। जिला पर्यटन अधिकारी सुरेश यादव ने बताया कि प्रतिदिन 500 स्लॉट मिल रहे हैं, ऐसे में भीड़ का पंजीकरण कर पाना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि उच्चाधिकारियों को इस समस्या से पूर्व में ही अवगत कराया गया था।

दलालों से होती रही कई परिवारों की झड़प
बीते सप्ताह हरिद्वार, ऋषिकेश व अन्य स्थानों पर घूमने आए तमाम परिवार दलालों के चंगुल में फंस गए। पंजीकरण आसानी से नहीं होता देख कई परिवार यात्रा करने से मना कर दिए और उन्होंने साथ में मौजूद दलालों से अपने रुपये लौटाने को कहा। इस बात को लेकर पर्यटन कार्यालय में मौजूद खचाखच भीड़ के बीच उनकी दलालों से झड़प होती रही। कई दलाल मौके पर पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी के चलते खिसक लिए तो कुछ ने अपने खर्चे आदि काटकर पर्यटकों के रुपये लौटाए। गुजरात के जामनगर से आए एक परिवार का कहना था कि उन्होंने गाड़ी बुकिंग के लिए एडवांस में दस हजार रुपये दिए थे। ऋषिकेश स्थित ट्रेवल कारोबारी का एजेंट उन्हें महज पांच हजार रुपये लौटाए। यात्रा को लेकर इस मारामारी को देखकर वह इस बार गंगोत्री ओर यमुनोत्री की यात्रा नहीं करेंगे। इसी तरह उड़ीसा से आए कुछ सदस्यों का कहना था उनके साथ जो दलाल आया वह उन्हें लाइन में खड़ा कर खुद फरार हो गया।

पर्यटन विभाग को नहीं भीड़ का अनुमान
बीते वर्ष कम लोग आए थे, इसका अनुमान नहीं था कि इतनी ज्यादा भीड़ पहले ही दिन उमड़ पड़ेगी। दूसरी मूल समस्या 20 मई तक के स्लॉट फुल हो चुके हैं। ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा भी इस बार मोबाइल के जरिए नहीं दी गई है। प्रतिदिन 500 स्लॉट दिए जा रहे हैं। फिलहाल जो लोग परिसर में कतारबद्ध हैं भले ही देर रात तक उनका पंजीकरण करना पड़े सभी को सुविधा दी जा रही है।

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