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हनुमान जयंती और चैत्र पूर्णिमा पर आज आसमान में दिखेगा ‘पिंक मून’ का नजारा, जानिए इसकी खासियत

मंगलवार, 23 अप्रैल 2024 को चैत्र पूर्णिमा और हनुमान जयंती पर आसमान में ‘पिंक मून’ का अद्भुत चंद्रमा नजर आएगा. जो अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक बड़ा और चमकदार होगा…

 

नईदिल्ली (ए)। हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है.ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन चंद्रमा का पृथ्वी पर अधिक प्रभाव रहता है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन स्नान, दान और व्रत का महत्व है. लेकिन दुनियाभर में पूर्णिमा तिथि और पूर्णिमा के चांद का खास महत्व है।

आपको बता दें कि, आज मंगलवार 23 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा है और आज हनुमान जयंती भी मनाई जा रही है. इसी के साथ आज आसमान में पिंक मून देखा जाएगा, जोकि एक खगोलीय घटना है. वैज्ञानिकों के अनुसार आज चांद धरती के अधिक करीब होगा और चंद्रमा का आकार भी अन्य दिनों की तुलना में बड़ा नजर आएगा. आइये जानते हैं पिंक मून का महत्व और समय।

अप्रैल महीने की पूर्णिमा के चांद को पिंक मून कहा जाता है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आज चांद आसमान में पूरी तरह से गुलाबी नजर आएगा. इसका नाम पिंक मून अप्रैल में कनाडा और अमेरिका में खिलने वाले एक फूल के नाम पर रखा गया है, जिसे मॉस पिंक कहा जाता है. इसलिए पिंक मून केवल नाम है और इसके नाम का कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है।

वैज्ञानिकों के अनुसार, अन्य दिनों की तुलना में आज चंद्रमा थोड़ा सिल्वर और गोल्डन रंग में नजर आता है. दरअसल पूर्णिमा के दिन चांद पृथ्वी के करीब होता है, जिस कारण यह अन्य दिनों की तुलना में अधिक बड़ा और चमकीला दिखाई पड़ता है. इसकी चमक 30 फीसदी और आकार 14 फीसदी तक बढ़ जाती है।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार, 1979 में पहली बार सुपरमून को देखा गया था. एस्ट्रोनॉमर्स ने इसे पेरीजीन फुल मून का नाम दिया था. इसके साथ ही इसे अलग-अलग देशों में सुपरमून, एग मून, फिश मून, स्प्राउटिंग ग्रास मून, फसह मून, पक पोया, फेस्टिवल मून और चैती पूनम आदि जैसे नामों से भी जाना जाता है।

आज मंगलवार को आसमान में पिंक मून का नजारा देखा जाएगा. पिंक मून की शुरुआत 23 अप्रैल सुबह 03:24 पर होगी, जोकि अगले दिन बुधवार, 05:18 तक देखा जाएगा. बता दें कि इस मून को नंगी आंखों से देखने पर आपको किसी तरह का कोई नुकसान नहीं है. इसलिए आपको किसी तरह के लेंस या चश्मे की भी आवश्यकता नहीं है. आप अपने घर की खिड़की, बालकनी, छत या आंगन कहीं से भी पिंक मून के दुर्लभ चांद का दीदार कर सकते हैं।

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